भारतीय एनीमेशन इंडस्ट्री, असीमित अवसरों का क्षेत्र
भारतीय एनीमेशन इंडस्ट्री में पारम्परिक 2 डी एनीमेशन, 3 डी एनीमेशन और फिल्मो के लिए विज़ुअल एफेक्ट्स शामिल है | सन 1956, भारतीय एनीमेशन इंडस्ट्री के लिए एक महत्वपूर्ण साल, जिसमे पहली बार डिज्नी स्टूडियो के एनिमेटर क्लेयर वीक्स को फिल्म्स डिवीज़न ऑफ़ इंडिया की तरफ से भारत में एनीमेशन के प्रशिक्षण के लिए आमंत्रित किया गया था| तब से आज सन 2017 तक का सफ़र में इस इंडस्ट्री ने अनेको उपलब्धिया प्राप्त की और विकास के असीमित अवसर प्रदान किये |
एफ आई सी सी आई (FICCI) के पी एम जी (KPMG) रिपोर्ट 2017 के अनुसार भारतीय एनीमेशन इंडस्ट्री ने 2016 में 15 बिलियन का व्यापार किया, जो की सालाना 8 प्रतिशत की वृद्धि दर से 2020 तक २३ बिलियन होने की सम्भावना है | पिछले एक दशक में एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री भारतीय व्यापर का एक महत्वपूर्ण स्तम्भ बन चुकी है | भारतीय एनीमेशन और विज़ुअल एफेक्ट्स इंडस्ट्री की वैश्विक इंडस्ट्री में 6-7 % हिस्सेदारी है जो की भविष्य में और वृद्धि करके विकास में सहायक होगी और रोजगार के अवसर प्रदान करेगी | भारत में एनीमेशन स्टूडियो और ब्रॉडकास्टर्स के बीच निवेश और सहयोग के अवसरों में भी वृद्धि हुई है | वर्तमान में ब्रॉडकास्टर्स एनीमेशन सामग्री के प्रति 30-मिनट के रूप 1.5 से 40 लाख तक का भुगतान करते हैं जो की पिछले दशक की तुलना में एक असाधारण वृद्धि है |
भारत सरकार ने भी एनीमेशन इंडस्ट्री में आर ब आई (RBI) के दिशानिर्देशों के पालन के अनुसार 100 % ऍफ़ डी आई (FDI) को मंज़ूरी दे दी है | भारत सरकार और राज्य सरकारों के इस क्षेत्र में की गई पहल से बहुत ही जल्द भारत भी उन देशो की सूची में शामिल हो जाएगा जो कि एक मजबूत एनीमेशन के दृश्य का दावा करते हैं |
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